पहाड़ी दिवस के दूसरे दिन पर्यटकों व दर्शकों ने किए प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति के दर्शन ।
लोक नाट्य करयाला में साधु और गोरखे के स्वांग से दर्शक हुए लोटपोट
पारंपरिक सिंहटू नृत्य, ठोडा, दीपक परात, माला नृत्य में दिखी समृद्ध व बहुरंगी लोक संस्कृति की झलक
शिमला, 02 नवंबर
रभाषा एवम् संस्कृति विभाग द्वारा राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह-2024 के अवसर पर ऐतिहासिक गेयटी थियेटर परिसर के एमफि थिएटर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में दूसरे दिन के लोक संस्कृति दर्शन कार्यक्रम का शुभारंभ शहनाई की मंगल धुनों से किया गया। रीता एवं सखियों ने सोलन का पुडवा नृत्य गीत, महासू युवक सांस्कृतिक मण्डल केदी नेरवा , चौपाल के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में पारंपरिक लोक वाद्ययंत्रों लोक धुनों में दीपक नृत्य,ठोडा, दीपक, परात नृत्य, माला नृत्य, मुजरा नाटी की प्रस्तुति दी ।वरिष्ठ लोक गायिका शान्ति हेटा व राधा , रामलाल गोसाइक ने दर्जनों पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुती से पंडाल में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया,प्रेम बुंदेल और साथियों ने पारंपरिक झुरी गायन की प्रस्तुती ने खूब तालियां बटोरी ।हरनाम सिंह ओर साथियों ने करयाला शैली में साधू व बाबू का स्वांग, चेतन व साथियों ने गोरखे के स्वांग के स्वांग से दर्शकों को खूब हंसाकार लोट- पोट किया। निशा बाला व सखियों ने पारंपरिक मधुर स्वर में सुकेती लोकगीतों की प्रस्तुति दी।वरिष्ठ लोक गायिका मनसा पंडित ने जिला, चम्बा, कांगड़ा, हमीरपुर के पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को आनन्दित किया। प्रसिद्ध चुडेश्वर सांस्कृतिक मण्डल जालग , राजगढ़ जिला सिरमौर के कलाकारों ने पारंपरिक सिंहटु नृत्य से दर्शकों को आशचर्यचकित किया। पूजा कला मंच शगीन तारा देवी के कलाकार रमेश चन्द ने लोअर महासू की पारंपरिक झुरी लोक गीत की शानदार प्रस्तुति तथा कार्यक्रम के अन्त में प्रसिद्ध लोकगायक रामलाल वर्मा, गोपाल हाब्बी व साथियों ने शिमला, सिरमौर के पारंपरिक लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर विभाग की उपनिदेशक भाषा कुसुम संघाईक , जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा दीपा शर्मा, डा० जोगिंद्र सिंह हाब्बी, देवेन्द्र मेहता, शिवम ठाकुर और देवेंद्र कुमार देव भी उपस्थित रहे।